वकील का शोरूम - भाग 12

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किसी बंदर की तरह उछलता हुआ हनुमान नगर के बाहर स्थित एक ढ़ाबे पर पहुंचा। उस समय शाम के चार बजे थे तथा ग्राहक के नाम पर वहां साधारण-सा कुर्ता पायजामा पहने एक युवक बैठा था। उसके चेहरे पर घनी दाढ़ी-मूंछें तथा आंखों पर सुनहरी तार वाला चश्मा था। हनुमान ने उसके चारों ओर सतर्क दृष्टि से देखा, फिर सीधा उस नौजवान के पास पहुंच गया। उसे देखकर होंठों पर मुस्कराहट आ गईनौजवान के। उसने हुनमान को बैठने का इशारा किया। हनुमान उसके सामने बेंच पर बैठ गया।"कैसा है हनुमान?" फिर युवक ने अपना तारों वाला चश्मा उताकर पूछा- "यहां