**सलामी – एक मार्मिक कहानी** गाँव का नाम था **गुलाबपुर**। वहाँ के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति **बाबू हरिहरनाथ** थे, जो कभी तहसीलदार रह चुके थे। अब उनकी उम्र 75 के पार हो चली थी, और घर में उनकी बहू **सुमित्रा**, पोता **अमर**, और पोती **गुड़िया** के अलावा कोई नहीं था। उनका बेटा **राजेश** फौज में कैप्टन था और सीमा पर देश की रक्षा कर रहा था। हरिहरनाथ जी के घर की हालत अब वैसी नहीं थी जैसी कभी उनकी नौकरी के समय हुआ करती थी। घर की दीवारों पर सीलन आ गई थी, खपरैल की छत जगह-जगह से चूने लगी थी, और आँगन