शाम का वक्त था। अमित अपनी पत्नी से: " मई अभी रेटायर्मेंट लेने का सोच में हूँ.. अभी बस... मैंने अपने जिंदगी में बहुत मेहनत किया.. " बीच में अपने पत्नी का हाथ पकड़ा और कहा। .. " बहुत दिनोसे इच्छा है.. चलो कुछ दिन तीर्थ यात्रा हो आएंगे... " पत्नी: " आप के अरमानोंको मै कभी नहीं टाला.. जैसे आपकी मर्जी" अमित: " मैंने अपने जिंदगी को प्यार किया। . .. बहुत अच्छे से बीत गया.. खैर। .. अब तक की जिंदगी एक तरफ़ा रहा। .. अब आगे क्या होगा ... ए तो वक्त ही तै करेगा... " अमित