पिता… यह केवल एक शब्द नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शक, प्रेरणास्त्रोत और संरक्षक का प्रतीक है। पिता का साया सिर से हटते ही जीवन में एक खालीपन और असुरक्षा का अहसास घर कर जाता है। यह लेख, “पिता विहीन बच्चे”, ऐसे बच्चों की संवेदनाओं, संघर्षों और उनकी अदम्य इच्छाशक्ति को सामने लाने का एक प्रयास है, जो अपने जीवन में इस अपूर्णता के साथ आगे बढ़ते हैं।पिता की अनुपस्थिति केवल एक शारीरिक दूरी नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक चुनौती का रूप ले लेती है। ऐसे बच्चे समाज की ठोकरों, जिम्मेदारियों के भार और