शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 44

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल ( पार्ट-४४)बेटी प्रांजल अपनी सहेली दिव्या के साथ अपने पापा डॉक्टर शुभम के घर आती है।दिव्या डाक्टर शुभम को पापा कह कर बोलती है।डॉक्टर शुभम के अस्पताल जाने के बाद दोनों सहेलियां बातचीत करती है।अब आगे प्रांजल:- 'दिव्या, अब तुम मेरे पापा को अपना पापा समझने लगी हो।  तो रूपा आंटी को बुआ कहोगी या मम्मी.!'दिव्या:-' वो तो मेरी मम्मी तो है।वह मुझे अपनी बेटी मानते हैं, इसलिए मैं तुम्हारे पिता को पिता मानती हूं, इसलिए रूपा बुआ को भी अपनी मां कहूंगी।'प्रांजल:-' तुम्हारे फ़ोन पर हर्ष का मैसेज आया है?'दिव्या:-' नहीं, लेकिन उसने