विराट और तपस्या एक दूसरे में खोए हुए थे के दरवाजा knock होने की आवाज से तपस्या विराट को धक्का देकर खुद से दूर कर उठकर बैठ गई। और हड़बड़ाहट में दरवाजे की तरफ देखकर बोली"हर बार ऐसा क्यों होता है कि जब हम आपके साथ होते हैं हम भूल जाते हैं कि हम कौन हैं क्यों है और कहां पर है?" तपस्या विराट को देखते हुए चिढ़ कर बोली जो अभी भी आराम से बेड पर लेटे उसे शरारती नजर से देख रहा था।विराट को देख वो और भी गुस्से से चिढ़ ते हुए बोली "कभी-कभी लगता है कि आप