...!!जय महाकाल!!...अब आगे...!!सात्विक बेहद गुस्से में था.....सामने से किसी के बहुत तेज हंसने की आवाजें आ रही थी.....जिसे सुन वो अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.....सात्विक बेहद गुस्से से गुर्राते हुए:राजन मल्होत्रा.....छिप कर धमकी देना.....नामर्दों के लक्षण है.....अगर सच में मर्द हो.....तोह सामने आओ.....!!वोह आदमी जिसका नाम राजन था:अगर तुम में इतनी ही हिम्मत है.....तोह मुझे अभी तक ढूंढ क्यों नहीं पाए.....पहले मुझे ढूंढो.....फिर तुम्हे मेरे साथ जो करना हो.....करना.....!!सात्विक तिरछी मुस्कान मुस्कुराते हुए:अब अगर तुम सच में मुझे मिल गए.....तुम्हे तो पता ही होगा.....मैं किसी को दूसरा मौका नहीं देता.....!!राजन भी उसे उकसाते हुए:हां.....पहले ढूंढ लो