वकील का शोरूम - भाग 11

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उन्होंने सोनेकर को भी बैठने का इशारा किया।"हम यहां अपने स्वार्थ से आए हैं डॉक्टर सोनेकर।" फिर वे बोले- "किसी सरकारी काम से नहीं आए हैं।""फिर भी सर...।"""फिर भी ये कि एक जज बन जाने से हम बड़े नहीं हो गए। हमारी माताजी अक्सर कहा करती हैं कि इंसान धन-दौलत, पद या उम्र मात्र से बड़ा नहीं हो जाता। बड़ा वह तब बनता है, जब वह अपनी धन-दौलत का सदुपयोग करे, अपने पद की गरिमा को बनाए रखे और जिसमें बड़प्पन हो। डॉक्टर साहब, हम आज जज हैं, कल हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बन सकते हैं।