एक भूल एक सबक

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एक भूल, एक सबकसुबह की हल्की ठंडी हवा में गाँव का माहौल शांत था। खेतों में किसान काम पर लग चुके थे, और पक्षियों की चहचहाहट वातावरण को संगीतमय बना रही थी। इसी गाँव में रहने वाला रोहित एक होनहार लेकिन जिद्दी लड़का था। वह हर काम में जल्दबाजी करता और कभी-कभी बिना सोचे-समझे निर्णय ले लेता।एक छोटी गलतीरोहित के पिता, रमेश, किसान थे और अपने बेटे को भी खेती के काम में सिखाना चाहते थे। एक दिन रमेश ने उसे बीज बोने का काम सौंपा। उन्होंने समझाया, "बेटा, ध्यान से और सही तरीके से बीज बोना, वरना फसल अच्छी