भाग 16: सामाजिक क्रांति की नींवकाव्या के संघर्ष ने अब एक नया मोड़ लिया था। वैश्विक स्तर पर समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में उसके प्रयास अब एक विशाल आंदोलन का रूप ले चुके थे। लेकिन काव्या को यह महसूस हो चुका था कि समाज में वास्तविक बदलाव के लिए केवल नीति-निर्माण और विचारधाराओं को बदलना ही पर्याप्त नहीं है। उसे समाज के हर एक अंग को एक साथ जोड़कर एक दीर्घकालिक क्रांति की दिशा में काम करना होगा।गाँवों से शहरों तक समानता की आवाजकाव्या और आनंद ने अब अपने अभियान को शहरों से बाहर, दूर-दराज के गाँवों में