रौशन राहें - भाग 13

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भाग 13: संघर्ष की नई शुरुआतकाव्या का संघर्ष अब केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि एक जीवनदायिनी बन चुका था। हर गली, हर नुक्कड़, हर गाँव में उसके अभियान की गूंज थी। उसका मिशन, जो शुरू में केवल महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा तक सीमित था, अब पूरे समाज की समृद्धि और बदलाव के लिए एक बड़े उद्देश्य में बदल चुका था। काव्या को यह एहसास हो चुका था कि समाज में गहरे और स्थायी परिवर्तन के लिए न केवल महिलाओं को सशक्त बनाना होगा, बल्कि पूरे समाज को एक साथ जोड़कर बदलाव की दिशा में काम करना होगा।नई चुनौतियाँ और