भाग 12: एक नए युग की शुरुआतकाव्या का संघर्ष अब सिर्फ एक आंदोलन नहीं, बल्कि एक पूरी विचारधारा बन चुका था। उसकी यात्रा ने कई लोगों को प्रेरित किया था और अब वह केवल महिलाओं के अधिकारों तक सीमित नहीं रही थी, बल्कि उसने पूरे समाज के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया था। समाज में बदलाव की एक नई बयार बह रही थी, और काव्या को यह महसूस हुआ कि वह अब सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता की एक नई दिशा को आकार दे रही थी।नई पहल और बड़ी जिम्मेदारीकाव्या के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा