रौशन राहें - भाग 8

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भाग 8: एक नया मोड़काव्या का अभियान अब देशभर में फैल चुका था। उसके प्रयासों ने कई गाँवों और शहरों में बदलाव की लहर पैदा की थी, और अब वह उस जगह पर पहुँच चुकी थी, जहाँ उसे हर कदम पर नए संघर्षों का सामना करना पड़ रहा था। जहाँ एक ओर उसकी सफलता की कहानियाँ बढ़ रही थीं, वहीं दूसरी ओर उसका सामना अब और भी बड़े विरोधों से होने लगा था। लेकिन काव्या ने ठान लिया था कि वह अब इस रास्ते से कभी नहीं मुड़ेगी।हालाँकि काव्या के मन में अब एक सवाल था—क्या उसे इस अभियान को