रौशन राहें - भाग 7

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भाग 7: निरंतर संघर्ष और उभरती उम्मीदेंकाव्या की पहल अब सिर्फ विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं रही थी। उसकी आवाज़ अब समाज के बड़े हिस्से तक पहुँचने लगी थी। लड़कियों की शिक्षा और समानता के मुद्दे पर काव्या ने जो जागरूकता फैलाने की शुरुआत की थी, वह अब एक आंदोलन का रूप ले रही थी। उसे अब यह एहसास होने लगा था कि उसकी यात्रा का अंत नहीं था, बल्कि यह एक नए सफर की शुरुआत थी।वह अब खुद को एक ऐसे मिशन के हिस्से के रूप में देख रही थी, जो समाज को बदलने की दिशा में कदम बढ़ा रहा