रौशन राहें - भाग 3

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भाग 3: संघर्ष की शुरुआतकाव्या का जीवन अब धीरे-धीरे एक नई दिशा में मोड़ ले रहा था। शहर में पहली बार कदम रखते ही जो अजनबियत महसूस हो रही थी, अब उसमें थोड़ा आराम आ गया था। लेकिन यह आराम सिर्फ बाहरी था। उसके भीतर का संघर्ष अब भी उतना ही तीव्र था।जैसे ही काव्या ने अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाना शुरू किया, उसने महसूस किया कि विश्वविद्यालय में सफलता के लिए केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, सामाजिक संपर्क और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता भी जरूरी थी। हर दिन उसे यह सीखने को मिल रहा था कि यहाँ