रौशन राहें - भाग 2

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भाग 2: शहर की दुनियाकाव्या का सफर अब एक नई दिशा में मोड़ ले चुका था। गाँव से बाहर निकलने के बाद, उसने कभी सोचा नहीं था कि वह इतनी जल्दी एक बड़े शहर में कदम रखेगी। उसकी आँखों में उत्साह था, पर दिल में डर भी था। यह एक नई शुरुआत थी, और हर नई शुरुआत में कुछ न कुछ चुनौती होती है।शहर का माहौल बिल्कुल अलग था। गाँव की सादी ज़िंदगी और यहाँ की तेज़-तर्रार जिंदगी में बहुत फर्क था। इमारतें इतनी ऊँची थीं कि आकाश भी कभी-कभी छिपा हुआ सा लगता था। सड़कें चौड़ी थीं, लेकिन उनमें