तेज़ तर्रार महाराजा एक्सप्रेस दूर से आ रही थी। पूरे स्टेशन पर सबकी नजर उसी की तरफ अटक गई। जयपुर जंक्शन पर लगे वेंडर्स भी सारे एक तरफ निगाह डाले खड़े थे। तभी लाल रंग के डब्बों वाली सिंह की डिजाइन बनी महाराजा एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर आ कर रुकी। फारुख अपना बिल्ला नम्बर तीन सौ अठारह हाथ पर बांध रहा था। असलम उसे देखकर बोला "बीड़ी सुलगा ले थोड़ी जान आ जाएगी।" फारुख ने पीछे खड़े आरपीएफ गार्ड की ओर इशारा किया। असलम बंडल जेब में रखते हुए कैंटीन की ओर चला गया। ट्रेन के शीशे पार दर्शी नहीं थे; ना