वकील का शोरूम - भाग 6

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"कोई छोटा वकील केस को ले नहीं रहा।" दूसरा ग्रामीण आहे-सी भरकर बोला- "और बड़ा वकील बड़ी फीस मांगरहा है।""कितनी फीस मांग रहा है?""पच्चीस हजार कोई इससे भी ज्यादा ।”“पच्चीस से कम कोई लेने को तैयार नहीं?"नही है "किस-किस वकील के पाए हो आए हो?""गुगनानी साहब के पास । गढ़वाल साहब के पास । पूनम सांगवान के पास । महावीर प्रसाद के पास ।”"तुम कितनी फीस देना चाहते हो?”"हम पंद्रह से ज्यादा नहीं दे सकते।”"और पंद्रह में वे मानते नहीं। क्यों?"“हां ।” "तुम लोग सोलह दे सकते हो?"जी?" दोनों ग्रामीण आंखें फाड़ फाड़कर टुच्चा सिंह की ओर देखने लगे।"भई साफ-सी बात