(अ)पौराणिक कुम्भ कथा--सनातन की सिंद्धान्तों के सुंदर लोककल्याण एव लोकवोत्सव कि परम्पराओ में कुम्भ एक महत्वपूर्ण पड़ाव एव आयोजन है जो नियमित रूप से प्रत्येक चार वर्षों पर के अंतराल में हरिद्वार ,प्रयाग ,उज्जैन एव नासिक में आयोजित होता है। आर्थत बारह वर्षों के अंतराल में कुम्भ स्नान का आयोजन भारत की पवित्र नदियों गंगा के उद्गम से कुछ दूर हरिद्वार, गंगा यमुना सरस्वती के संगम प्रयाग , शिप्रा तट पर उज्जैन एव गोदावरी तट पर नासिक में आयोजित किया जाता है ।सनातन धर्म ग्रंथो पुराणों में कुम्भ कि महिमा का वर्णन करते हुए स्प्ष्ट रूप से निर्धारित किया गया है