अध्याय 2: अजीब आवाज़रात के आसमान में चाँद अपनी पूरी चमक के साथ दमक रहा था, और उसकी रोशनी जंगल की गहराई में अंधेरे को छू रही थी। चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था, लेकिन इस शांति में एक अजीब सी बेचैनी महसूस हो रही थी। अलेक्स अपने बिस्तर पर लेटा हुआ बार-बार करवटें बदल रहा था। उसकी नींद बार-बार टूट रही थी क्योंकि जंगल की तरफ से एक रहस्यमय आवाज़ आ रही थी। यह आवाज़ साधारण जानवरों की नहीं थी, बल्कि एक गहरी, खौफनक और अनजानी आवाज़ थी, जो अलेक्स के रोंगटे खड़े कर रही थी।अलेक्स उठकर धीरे-धीरे खिड़की