शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 40

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"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -४०)शुभम की अस्पताल से एक लेडीज मरीज मनस्वी भाग जाती है जो गुनहगार भी है।पुलिस रिपोर्ट के बाद यह बात ज्योति जी को बताते हैं।अब आगे डॉक्टर शुभम ने फिर एन.जी.ओ. की ज्योति जी को फोन किया और पुलिस ने जो खबर दी थी वह बता दी।.......कुछ ही मिनटों में प्रांजल बेटी और उसकी सहेली दिव्या फ्रेश होकर आ गईं।प्रांजल ने देखा कि उसके पिता बाहर जाने के लिए तैयार हो रहे हैं।यह देखकर प्रांजल बोली- पापा, आप सुबह-सुबह कहां जाने के लिए तैयार हैं?  मैं चाय-नाश्ता बनाती हूं।'डॉ.शुभम:-'नहीं..नहीं..बेटा, जल्दी है, चाय-नाश्ता सब