"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट ३८)डॉक्टर शुभम की फ्रेंड डॉक्टर रूपा अपने जीवन का राज़ बताती है।दिव्या हमारी बेटी है ऐसा कहती हैं।अब आगे यह सुनकर डॉक्टर शुभम हंस पड़े.बोले:-'फिर भी आपकी मजाक करने की आदत नहीं जाती। मेरा मानना है कि भले ही दिव्या आपकी भतीजी है, लेकिन तुम उसे अपनी बेटी मानती है और मारी प्रांजल को भी बेटी की तरह मानती है। ठीक है, अगर आप दिव्या को बेटी मानते हैं, तो मुझे भी उसे बेटी मानना चाहिए, इसके अलावा वह मेरी प्रांजल की सबसे अच्छी दोस्त है, वो लोग सुबह आएंगे, इसलिए मुझे भी