गुज़ार लूँ कुछ पल

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कुछ पल युही गुज़ार  लूं तेरे संग फिर पता नहीं तुम रहो या ना रहो जिंदगी से बहुत कुछ सीखा हैँ मैंने  पता नहीं कब, कहा आजमाइश करनी पड़ जाए सब छोड़ कही दूर बस जाऊ पर कहाँ जाऊ ये सोच दिल बैठ सा जाता हैँ कहने को तो सब हैँ मेरे पास वक़्त आया तो पुरे contact list मे एक ऐसा कोई ना मिला जिससे हाले दिल बयान कर सकूहसने हँसाने के लिए बहुत हैँ लोग पर आंशू कोई पोछ ले ऐसा हैँ कहाँ कोई वक्त का खेल है सब कभी उसके पास तो कभी मेरे पास यूं ही सिलसिलो का दौर चलता रहा कब कैसे हालात बदल गए पता ही नहीं