धोखा सुहासिनी उसे लिविंग रूम से निकालकर गलियारे में ले जाने ही वाली थी, तभी पुलिस का दस्ता पूरे घर में छापा मारने के लिए घुस आया। उन्होंने सभी अंगरक्षकों को अपने अधीन कर लिया। उन्होंने उन्हें अंदर अपने साथ आने का इशारा किया।उनके पीछे चलते हुए डर से उसके हाथ काँप रहे थे। कंपन छिपाने के लिए उसने अपना हाथ जेब में डाला। अंदर उसके हाथ में कंगन जैसा कुछ लगा जिसे उसने कसकर पकड़ लिया।(गहरी साँस लो और शांत रहो।) कवच की सलाह उसके मन में गूँजी,(नहीं! ये मेरे मन की नहीं, वृषा की आवाज़ की है!) उसने मुझसे