भूलभुलैया का सच

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"अनदेखी राहें"शहर के कोलाहल से दूर, हिमालय की गोद में बसा एक छोटा-सा गाँव था – वसंतपुर। वहाँ के लोग सीधे-सादे और प्रकृति के करीब थे। लेकिन गाँव के बीचोबीच एक ऐसा स्थान था, जिसे हर कोई "भूलभुलैया जंगल" कहकर डरता था। यह जंगल रहस्यमयी था, जहाँ जाने वाले लोग अक्सर लौटकर नहीं आते थे। गाँववालों ने इसे अभिशप्त मान लिया था।गाँव के किनारे एक साधारण-सा घर था, जिसमें रोहन और उसकी दादी रहते थे। रोहन 18 साल का युवक था, जिसका सपना था कि वह अपने गाँव को बाकी दुनिया से जोड़ सके। लेकिन दादी उसे अक्सर कहती, "बेटा,