वे तीनों वापस घर लौट आये थे।हिना अपनी सास का बहुत खयाल रखती थी।हिना और नरेश की शानुवर्म्म शनिवार और इतवार की छुट्टी रहती थी।उस दिन कभी नरेश और हिना अकेले घूमने जाते और कभी मा भी साथ जाती।एक दिन मीरा बोली हिना से तेरी अम्मी से बात करती हूं।और उसने फोन लगाया था।कई बार के बाद सलमा ने फोन उठाया था।मीरा बोली,"बहन कैसी हो?".""ठीक हूँ,"सलमा बोली,"आप कौन बोल रही हो?""मैं मीरा।लंदन से हिना की सास"",अब हिना के लिय तो मैं पराई हो गयी।"",ऐसा क्यो सोचती हो।।" "क्यों न सोचूँ। अपने प्यार की खातिर माँ को ही छोड़ दिया।"",बहन छोड़ा नही