नई दुल्हनगर्मियों की एक सुनहरी सुबह थी। गाँव के बड़े से आँगन में एक नई दुल्हन, नेहा, अपनी ससुराल के पहले दिन का अनुभव ले रही थी। लाल साड़ी में सजी नेहा की आँखों में थोड़ी घबराहट और उत्सुकता का मिला-जुला भाव था। उसने सोचा था कि ससुराल में आना एक बड़ी चुनौती होगी, लेकिन यहाँ का माहौल बिल्कुल अलग था।ससुराल का घर बहुत बड़ा था, चारों तरफ आम, नीम और जामुन के पेड़ थे। घर के बड़े बरामदे में हर कोई व्यस्त था। नेहा की सास, जो ममता की मूर्ति थीं, उसके लिए रसोई में कुछ खास पकवान बना