'तेरी मेरी बने नहीं और तेरे बिना कटे नहीं' कुछ ऐसा ही है मनु और जागृति का अनमोल बंधन। दोनों बहनें एक दूसरे से झगड़ती तो है लेकिन फिर जल्दी ही मान भी जाती है। आपस में वे चाहे कितना ही क्यों न झगड़ लें लेकिन शाम को एक ही थाली में भोजन करते हैं। दोनों बहनों में मनु थोड़ी चंचल स्वभाव की थी और गुस्सा तो हमेशा उसकी नाक पर सवार रहता था। इसके विपरीत जागृति हर बात को सोच समझकर बोलने वाली है। मनु के स्वभाव को लेकर जागृति हमेशा उसे समझाती है। मां के जाने के बाद अब