द्वारावती - 79

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79                             रात्रि भर उत्सव यमुना तट पर बैठा रहा। ब्राह्म मुहूर्त में उसने यमुना में स्नान किया और चल पडा। भगवान द्वारिकाधीश जी के दर्शन किए। पश्चात कृष्ण जन्म स्थल के दर्शन किये। गोकुल गया।प्रत्येक स्थल के तरंगों का उसने अनुभव किया। उसने उसे ऊर्जा, उत्साह तथा चेतना से भर दिया। इस अनुभव की प्रसन्नता के साथ वह वृंदावन आया। स्थानीय निवासियों से वृंदावन के विषय में अनेक जानकारी प्राप्त की। और चल पड़ा कृष्ण की रासलीला का जहां स्थान है। निधि वन !निधि वन में प्रवेश