मंजिले - भाग 12

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  मंज़िले -----  "कया यही पुण्य है " --- एक लिबास को उतार कर फेक देने को तुम बहुत बारीकी से सोच के बताना, " इसमें पाप कहा था "                   कहानी आप पर छोड़ता हुँ, चलो बता तो सकते हो, चोर चोरी कर के पकड़े गए, तो नाम ईश्वर का ही ले रहे है, " पकड़े गए मंदिर मे धन चोरी करते। " छूट गए। माँ बीमार लोग देख कर आये, दूसरे का दुनिया मे कोई नहीं, उसने कहा "सगत मिली " अब दोनों को छोड़ा जा चूका था। माँ का आख़री सास