------------ जंगल ( 22 ) धारावायक देश को चलाने वाले कैसे सोचते है, कभी कभी मै सोचता हु। सोचते है कया अख़बार वाले, तो सच लिखने से कतराते कयो है। सच बोलो, बोलते है तो फिर गांज़ कयो गिर जाती है। खोजने वाले कया खोज लेते है, तुम उन पर छोड़ दो।तभी फोन की एक घंटी वजी... मोबइल पे, रिग टोन थी। राहुल ने फोन उठा लिया था, एक हाथ से स्टेरिग संभाले वो मजिल की दुरी तेह कर रहा था। साथ मै माधुरी उर्फ़ संगीना से बात हो रही थी। " उसने पूछा था। सर आप जल्दी घर आये,