रिश्तों की कहानी ( पार्ट -२ )

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"रिश्तों की कहानी"( पार्ट -२)रितिका की माता अपनी बेटी के लिए चिंतित होती है।और अपनी सहेली के लड़के की बातें करती है, जिसका नाबालिग लड़की के साथ सगाई हुई थी।अब आगे तुम्हारी बातें सही हैं, लेकिन वो लोग किसीकी नहीं सुनते। तुम तो समझाने से रहें। तुम भी प्रतीक के पिताजी को पहचानते हो। लेकिन तुम समझा सकती हों। तुम्हारी सहेली है, तुम उनके घर जाकर समझाओं।नहीं नहीं.. मैं नहीं जाऊंगी। मेरा अपमान कर देंगे।अपने माता-पिता की बातें रितिका सुनती है उसने सोचा कि प्रतीक क्यूं नाबालिग से सगाई के लिए तैयार हुआ था।मैंने उसे समझाया था लेकिन वह अपने दादाजी और पिताजी