उजाले की ओर –संस्मरण

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============ नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोशनी की जगमगाहट लेकर आया है | इस जगमगाहट ने मन के अँधियारों में भी उजाला किया हो तब ही तो दीपावली की जगमगाहट सफ़ल होगी | वह एक ड्राइवर है | पिछले दिनों मैं एक मुंबई से आई हुई मित्र से मिली | वह अपने ड्राइवर के साथ अहमदाबाद आई थी | हम कहीं जा रहे थे, कुछ बातों में तल्लीन हम उसे रास्ता बताना ही भूल गए | जब दूसरे रास्ते पर कहीं बहुत दूर निकल आए तब मेरी मित्र को अपनी गलती का अहसास हुआ |