मनस्वी - भाग 6

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अनुच्छेद-छह                       तुम खुश रहो माँबच्चों के उस आपात् कक्ष में कई बच्चे लेटे हैं। उनके माँ बाप इधर उधर भागते हुए दिखते हैं। हर एक के माता-पिता यही आशा लगाए हुए हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ हो जाएगा। डॉक्टर भी अन्त तक आशा बँधाते हैं। अचानक जब किसी की डोरी कट जाती है, वे भी मौन हो जाते हैं। कहते हैं, यही भगवान की इच्छा थी। जिसके बारे में हम कुछ नहीं कर सकते, उसे भगवान पर छोड़ देते हैं। डॉक्टर भी यही कहते हैं ऊपर वाले पर किसी का