ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –अगले दिन–सुबह के 8 बजे–खिड़की से आ रही धूप सीधा Sarthak के चेहरे पर पड़ रही थी। जिससे irritated हो कर Sarthak अपना चेहरा इधर उधर घुमा रहा था। तभी bathroom का dor open कर के Kaynat बाहर आती है। तभी उसकी नजर bed पर लेटे हुए Sarthak पर पड़ती है।जिसका चेहरा सूरज की रोशनी में सोने की तरह चमक रहा था। आगे माथे पर बिखरे हुए बाल, जो उसे बहुत ही क्यूट look दे रहे थे। उसके perfect face features उसको और भी attractive look दे रहे थे।एक पल