जो पकड़ा जाए वो चोर. बाकी चरित्रवान

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जो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी देश भक्तये कैसा न्याय है, ये कैसा विध्वंस हैजो बोले सच वो देशद्रोही, जो छुपाए झूठ वो देशहितैषीये कैसा लोजिक है, ये कैसा तर्क हैजो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी देश भक्त,ये कैसा नारा है, ये कैसा विरोध है।जब तक ये रीति रहेगी, तब तक देश नहीं बदलेगा,जब तक देश नहीं बदलेगा, तब तक ये रीति नहीं बदलेगी।भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी, नैतिकता की कमी,हर ओर फैली है, ये कैसी अंधेरी घनी।जो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी देश भक्त,ये कैसा नारा है, ये कैसा विरोध है।शिक्षा की कमी, जागरूकता की दरकार,नैतिकता की बातें, अब लगती