अपराध ही अपराध - भाग 38

अध्याय 38   “माय गॉड। फिर यह अटैक भी हो सकता है” झुक घर उन्हें ध्यान से देखने लगा।  उसके घर कर देखते ही “एक्जेक्टली वही है। एंबुलेंस को फोन करो” रामकृष्णन बोले। “अय्यों…. क्या है जी यह” चिल्लाने लगी रंजीता। इस बीच कुमार ने अपने मोबाइल से गूगल में जाकर एम्बुलेंस टाइप किया और लोकेशन में एम्बुलेंस नंबर को फोन किया।  शांति और सुशीला एक अच्छे काम के करते समय ऐसा हो गया सोच कर बहुत सेंटीमेंट होने से दुखी हुईं। रामकृष्णन के शर्ट को ढीला कर    सोफे पर दामाद मोहन ने लिटाया। दौड़ कर जाकर सिर के