जीते जी श्राद्ध ?

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कई दिनों से घर में जोर – शोर से तैयारियाँ चल रही थी | माँ – पिताजी की 50वीं वैवाहिक वर्षगाँठ का समारोह जो था | सभी ने इस अवसर पर बोलने के लिए अपनी – अपनी तैयारी पहले से ही कर ली थी किंतु ज्येष्ठ पुत्र के मन में भयंकर ऊहापोह था | सभी मेहमान समारोह में विशिष्ट भोज के साथ – साथ संगीत एवं नृत्य का आनंद उठा रहे थे | कार्यक्रम के अंत में सब युगल के लिए दो शब्द बोलकर अपने भावों को प्रकट कर रहे थे | अब ज्येष्ठ पुत्र की अपने माता – पिता