स्पंदन - 6

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                                                                                 १७: मौन का मंदिर            साक्षात्कार प्राप्त हुए चुका शोईची, अपने शिष्यों को, तोफुकू मंदिर में सिखाते थे। दिन-रात मंदिर ओैर पुरे परिसर में मौनपुर्ण शांती फैली हुई थी। किसी भी तरह का आवाज, कलकलाहट वहाँ सुनाई नही देता, एक अबुज शांती पुरे वातावरण से भरी हुई थी। शोईची गुरु अब मंत्रपाठ, ग्रंथों का अध्ययन भी नही करते, अपने शिष्यों