अल्पा अपने भाई मौलिक को बुलाने का सुनकर डर रही थी। तब विनोद ने कहा, "अल्पा बेटा अब यही सही रास्ता है। तुम्हें क्या लगता है वह राज, तुम्हें चैन से जीने देगा? नहीं, इसलिए उसे उसके किए की सजा मिलनी ही चाहिए। इस काम में तुम्हारे भाई से ज़्यादा और कौन तुम्हारा अपना हो सकता है। अल्पा अपने तो हमेशा अपने ही होते हैं। हमारे परिवार से बड़ा और कुछ नहीं होता कोई नहीं होता, कोई भी नहीं।" "अंकल आप ठीक कह रहे हैं।" "अशोक अंकल आप बुला लीजिए भैया को।" "ठीक है बेटा।" विनोद ने कहा, "आप लोग