द्वारावती - 72

  • 597
  • 204

72दोनों ने अदृश्य ध्वनि की आज्ञा का पालन किया। जिस बिंदु पर दोनों ने दृष्टि रखी वहाँ दृश्य दिखाई देने लगा -एक विशाल सभागृह भारत भर के विश्व विद्यालयों के प्रतिनिधि छात्रों से पूर्ण भरा हुआ था। प्रत्येक छात्र के मन में चेतना की एक नूतन लहर उठ रही थी। प्रत्येक छात्र स्वयं को उस अभियान का हिस्सा मान रहे थे जो देश में एक क्रांति के लक्ष्य से प्रारम्भ किया गया था। यौवन अपने परम उत्साह पर था। देश विदेश के संचार माध्यमों के प्रतिनिधि भी वहाँ उपस्थित थे। भारत ही नहीं, अन्य कई देशों की दृष्टि इस महा