इश्क इबादत - 2

  • 888
  • 369

इतना सबकुछ हो गया फिर भी पूनम जी अभी तक मूक दर्शक बनकर बैठी हुई थी।पुरुषोत्तम ने एक नज़र पूनम को देखा और तिरछा मुस्कुरा दिया।फिर वो सबके सामने बोला , अब तो आप सबको विश्वास हो गया होगा ना की ये सब अब मेरा है।गांव के सभी लोगो मायूस होकर अपना सिर झुका लिए।उनके पास अब कोई मुद्दा ही नही था इस बात पर बहस करने के लिए।  पूनम जी वहां से उठ गई और अपने घर में चली गई।  अंदर जाकर उन्होंने अपनी कुछ जरूरत का सामान कपड़े लिए और चौधरी साहब की तस्वीर लेकर बाहर आ गई।पुरुषोत्तम आगे