एक महान व्यक्तित्व - 2

  • 891
  • 1
  • 339

इसी तरह हम शहेर से वापस गाँव रहने आ गये अब आगे मेरी स्कूल की पढाई शरू हो गई । जिंदगी का सबसे बोरिंग काम वैसे ऐसा मुझे तब लगता था अब तो पढाई का महत्व पता चला गया है। आपको सुनके बहुत ही आश्चर्य लगेगा की मैने अपने स्कूल जीवन मे कुल 6 बार अलग अलग स्कूल बदली है उसके पीछे भी बडी लम्बी और मजेदार कहानी है। सबसे पहले तो गाव की ही माध्यमिक विद्यालय मे मुझे पापा ने भेज दिया वो मेरे घर से थोड़ा ही दूर थी मेरे घर से दिख भी रही थी। लेकिन मे वहा