उजाले की ओर –संस्मरण

  • 573
  • 171

उजाले की ओर----संस्मरण =================== स्नेहिल नमस्कार मित्रों आशा है आप सब कुशल हैं, त्योहारों का आनंद ले रहे हैं | कल वाट्स एप पर एक संदेश मिला, सोचा कि आप सबके साथ साझा करने से स्वयं को नहीं रोक पाई जैसे हर बार मैं किसी ऐसी बात को मित्रों से साझा करना चाहती हूँ जो मुझे जीवनोपयोगी लगती है | यह बात भी सही व उपयोगी लगी लगी इसलिए इसे साझा करने का लोभ संवरण नहीं कर पाई कि 'यात्रा बहुत छोटी है|' एक बुजुर्ग महिला बस में यात्रा कर रही थीं । अगले पड़ाव पर, एक मजबूत कद काठी