जिंदगी के पन्ने - 4

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रागिनी के घर में जब उसकी छोटी बहन का जन्म हुआ, तो वह केवल तीन साल की थी। छोटी-सी उम्र में भी, रागिनी के दिल में अपनी बहन के लिए एक अलग ही प्यार उमड़ पड़ा। उसकी बहन नन्ही और प्यारी थी, गोया घर में एक नया फूल खिल आया हो। उसकी छोटी-सी आँखों में जो मासूमियत थी, उसने सबका दिल जीत लिया था। रागिनी उसे बड़े ध्यान से देखती, कभी उसकी छोटी उँगलियों को पकड़कर प्यार करती तो कभी उसकी हंसी सुनकर मुस्कुरा उठती। उसकी मासूमियत रागिनी के बाल मन पर गहरी छाप छोड़ रही थी। लेकिन जैसे ही