उजाले की ओर –संस्मरण

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================== स्नेहिल नमस्कार प्रिय साथियों प्रतिदिन जीवन में टर्नस् एंड ट्विस्टस आते ही रहते हैं और हम असहज और असहज होते रहते हैं | छोटी-छोटी बातों में हम परेशान होने लगते हैं | छोटी-छोटी बीमारियों में हम इतने घबरा जाते हैं कि सारा ध्यान अपने पर ही केंद्रित रहता है | हम अपने चारों ओर देखना भी भूल जाते हैं | यदि केवल खुद के बारे, में न सोचकर हम अपने चारों ओर होने वाली परेशानियों को देख सकें तो पता चलेगा कि हम तो बहुत अच्छे हैं, दुनिया में न जाने लोग कितनी-कितनी परेशानियों से घिरे हुए हैं |