तमस ज्योति - 48

  • 618
  • 201

प्रकरण - ४८अमिता बोली, "नमस्कार दर्शकों! एक बार फिर से आप सभी का स्वागत है। मेरे साथ है जानेमाने संगीतकार रोशनकुमारजी! ब्रेक पर जाने से पहले हमने देखा कि किस तरह रोशनजी के पिता सुधाकरजीने समीर को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद की। अब हम ये भी जानते है की जब रोशनजी अहमदाबाद पहुंचे तो वहा उनके साथ क्या हुआ? रोशनजी! अब आप हमें बताएं कि आगे आपके साथ क्या हुआ?"रोशनकुमार अब आगे की बात बताने लगे। उन्होंने कहा, "मैं नीरव शुक्ला और अभिजीत जोशी का आभार व्यक्त करके अब मुंबई से अहमदाबाद आ चुका था। उन दोनोंने