साथिया - 137

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सभी गुनहगार अपने गुनाहों की सजा पा चुके थे तो वही सांझ  भी धीरे-धीरे करके नॉर्मल हो रही थी। अक्षत का प्यार और उसके परिवार के साथ-साथ ही अबीर  मालिनी शालू ईशान  और बाकी सब लोग मिलकर  सांझ  को नार्मल करने की कोशिश कर रहे थे और धीरे-धीरे  सांझ उस  हदसे  और उस दर्द से  उबरकर सब कुछ भूलने लगी। एक महीने का समय बीत चुका था और फाइनली आज दोनों कपल अपने हनीमून के लिए जा रहे थे। ईशान और शालू ने  फॉरन ट्रिप  बनाया था तो वही अक्षत  सांझ  को लेकर इंडिया में ही दार्जिलिंग जा रहा था, क्योंकि सांझ