सजावटी मुस्कुराहट

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सजावटी मुस्कुराहट लोग कहते हैं मैं एक अच्छी अदाकारा हूं रुख पर मुस्कान रख दुनिया को बदलने की चाहत में फिर सुबह एक नहीं किरण के साथ चल पड़ती हूं  कितनी भी रुकावट होती है बस एक सजावटी मुस्कान रखकर तुमसे बात करने को चली आती हूंआंखों में अश्क होती है पर तेरे सामने कैसे छलकने दूं  हर गम कुछ इस तरह से चुपचाप सह लेती हूं  जनाब दिल ही तो है कितनी बार चुप कराऊं  सोचा की कभी तेरे पास आकर,तेरे पास बैठकर,तेरे कंधों पर सर रखकर फूट-फूट कर खूब रोलूँपर तेरे पास आकर खुद को अकेला महसूस किया  इस प्यार भरे रिश्तों में