कुकड़ुकू - भाग 21

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झारखंड एक आदिवासी राज्य होने के कारण वहां त्योहारों या उत्सवों मे मासाहारी भोजन होना आम बात है। रघु और मंगल कुछ देर तक वहीं बैठकर बाते करने लगे। “अच्छा मंगल, दिलीप भईया कहीं नजर नहीं आ रहे ! कहीं गए हुए हैं क्या?” “अरे भईया तो खेत पर कुछ काम से गए हैं। आज खेत मे थोड़ा ज्यादा काम था, इसलिए भईया, मम्मी पापा का हांथ बटाने के लिए चले गए। मैं भी जाने वाला था पर भईया ने मुझे आने से मना कर दिया और घर पर ही रूकने को कहा। तू बता, तू आज गए चराने नही गया?”